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‘अंबू ताई एक साक्षात्कार’ में एक महिला सफाई कर्मी के संघर्ष का बखूबी चित्रण

  • महाराष्ट्र मंडल के मराठी सोहला के समापन में हास्य- शिक्षाप्रद नाटकों संग झूमीं युवतियां
  • लघु नाटिका ‘पत्र लिखने का कारण यह है कि’ का मंचन भी

रायपुर। मराठी सोहला के दूसरे दिन शाम को मंडल में संत ज्ञानेश्वर सभागार के कुमुदिनी वरवंडकर रंगमंच पर महाराष्ट्र नाट्य मंडल ने प्रो. अनिल कालेले के निर्देशन में छह लघु नाटिकाओं अंबू ताई एक मुलाकात, गोदावरी, रक्तदान, पत्र लिखने का कारण यह है कि, मैनी हैप्पी रिटर्न्स आफ द डे और आई (मां) का मंचन किया। इसमें प्रसन्न निमोणकर, चेतन दंडवते, गौरी क्षीरसागर, अस्मिता कुसरे, प्रिया बक्षी ने विभिन्न भूमिकाओं में प्रभावित किया। ‘अंबू ताई एक साक्षात्कार’ में प्रिया बक्षी ने एक महिला सफाई कर्मी के संघर्ष का बखूबी चित्रण किया। वहीं चेतन दंडवते और अस्मिता कुसरे ने गोदावरी नाटक से प्रभावित किया।

लघु नाटिका ‘पत्र लिखने का कारण यह है कि’ में प्रसन्न निमोणकर व अस्मिता कुसरे ने भी समा बांधा।
नए-पुराने फिल्मी गीतों पर डांस : मंडल के नाट्य मंडल ने छोटे-छोटे प्रसंगों के माध्यम से रक्तदान, नारी शिक्षा का संदेश दिया। वहीं महाराष्ट्र मंडल में आयोजित कार्यक्रम में महिलाओं ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति दी। वहीं देर रात को जागिरी महोत्सव मनाया गया, जिसमें महिला केंद्रों की प्रतिभाओं ने मनमोहक प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया। नये – पुराने फिल्मी गीतों में युवतियों- महिलाओं ने डांस कर खूब तालियां बटोरी। इस बीच महिलाओं और बच्चों के लिए कुर्सी दौड़ स्पर्धा का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया। मराठी सोहला के समापन पर मुख्य अतिथि मंडल के वरिष्ठ सदस्य दीपक पात्रीकर और विशेष अतिथि डा. कमल वर्मा व मंडल अध्यक्ष अजय काले ने विभिन्न स्पर्धाओं के विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार देकर प्रोत्साहित किया।