रायपुर। सेकेंडरी स्टील में आल इंडिया स्टील कॉन्क्लेव विज़न 2023 का दो दिवसीय आयोजन प्रदेश में प्रथम बार नवा रायपुर स्थित मेफेयर लेक रिसार्ट में 25 मार्च से किया गया। आयोजन के शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के वन, आवास, पर्यावरण एवं परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर, उद्योग व आबकारी मंत्री कवासी लखमा व एनएमडीसी के आला अधिकारी व इस्पात सचिव कार्यक्रम में मौजूद रहे। कार्यक्रम में देशभर से 800 स्टील सेक्टर के प्रतिनिधियों ने उपस्थिति दर्ज करायी।
आल इंडिया स्टील कानक्लेव में 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन पर चर्चा हुई कि कैसे 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन का लक्ष्य प्राप्त कर सकते हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ देश का तीसरा बड़ा स्टील उत्पादक राज्य है। छत्तीसगढ़ रोलिंग मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने कहा कि छत्तीसगढ़ के उद्योगों को कोयले की उपलब्धता नही हो पा रही है। बिजली की दरें कम हो, छोटी रोलिंग मिलों के लिए बिजली की दरें कम होनी चाहिए। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार को प्रयास करने होंगे।
कार्यक्रम में केंद्रीय इस्पात सचिव नागेन्द्रनाथ सिन्हा ने कहा कि स्टील विजन-2030 का लक्ष्य पूरा करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। देश के कुल उत्पादन में सेंकेडरी स्टील उत्पादकों का अधिकांश हिस्सा आता है इसलिए जिम्मेदारी बढ़ जाती है। सरकार की प्रगतिशील नीतियां आपको मदद करने को तैयार हैं।
छत्तीसगढ़ स्टील री-रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी, महासचिव बांकेबिहारी अग्रवाल एवं इवेंट चेयरमेन रमेश अग्रवाल ने बताया कि पहली बार इतने बड़े आयोजन को लेकर सेक्टर से जुड़े लोगों में काफी उत्साह है। 25 मार्च को उदघाटन समारोह के बाद एक-एक घंटे के चार सेशन सफलता पूर्वक संपन्न हुए , जिसमें अपने-अपने क्षेत्र के एक्सपर्ट ने अपने विचार रखें। जिसमें एक सेशन प्रमुख रूप से प्रदेश के उद्योगपतियों के लिए रहा, जिसमें सारडा ग्रुप, बजरंग ग्रुप, हीरा ग्रुप आदि ने अपने विचार प्रस्तुत किये। कार्यक्रम में भिलाई इस्पात संयंत्र, एसईसीएल, जिंदल स्टील, टाटा स्टील, एनएमडीसी जैसे बड़ी कंपनियों के उच्च अधिकारी भी शामिल हुए। शाम को सांस्कृतिक संध्या में मुंबई का सचेत परंपरा ग्रुप ने रंगारंग प्रस्तुति दी ।
आल इंडिया स्टील कान्क्लेव-2023 में उद्योगपतियों ने बिजली की कमी दूर करने के लिए ग्रीन एनर्जी और सोलर को सबसे बेहतर विकल्प बताया है। उद्योगपतियों ने मांग रखी कि ग्रीन एनर्जी और सोलर एनर्जी के लिए केंद्र और राज्य सरकारों से ज्यादा से ज्यादा सब्सिडी मिलनी चाहिए। कार्यक्रम में चर्चा के दौरान लौह अयस्क की कमी, कोयले की आपूर्ति, केंद्र और राज्य सरकारों के बीच बेहतर तालमेल आदि पर भी चर्चा हुई।
आयोजन के दौरान स्टील विजन-2030 विषय पर जोर देते हुए सभी प्रमुख ने अपने विचार प्रस्तुत किये और इस लक्ष्य को प्राप्त करने अपनी मांग प्रस्तुत की जिसमे प्रमुख रूप से
लौह अयस्क की कमी दूर करना –
स्टील रि-रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी ने कहा कि छत्तीसगढ़ में लौह अयस्क की कमी दूर करनी होगी। उत्पादन बढ़ाने की दिशा में यह बड़ी बाधा है। राज्य और केंद्र सरकारों को इस पर उचित ध्यान देना चाहिए। एसोसिएशन के सचिव बांके बिहारी अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में हर वर्ष स्टील उत्पादन तेजी से बढ़ रहा है। नए एमओयू भी हुए हैं।