बूढ़ापारा आउटडोर स्टेडियम से तात्यापारा चौक लगते रहे शिवाजी महाराज के जयकारे, मराठामय हुई राजधानी
रायपुर। छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर पारंपरिक मराठी वेशभूषा में समाज के लोगों ने पालकी यात्रा निकाली। पुरुष सफेद पाजामा-कुर्ता और भगवा पगड़ी जबकि महिलाए पारंपरिक लुगड़ा और भगवा साफा बांध कर यात्रा में शामिल हुई। भगवा पताका, बैंड-धुमाल के साथ दोपहर 3 बजे बुढ़ापारा के आउटडोर स्टेडियम से शुरू होकर छत्रपति की पालकी नगर भ्रमण करते तात्यापारा चौक पहुंची। रास्ते भर जय भवानी, जय शिवाजी के जयकारों का घोष हुआ। दूसरी ओर कुन्नबी समाज और महाष्ट्र मंडल ने भी अलग-अलग कार्यक्रमों के आयोजन किए।
मराठा मित्र मंडल और मराठा महिला मंडल के पदाधिकारी व सदस्यों ने तात्यापारा चौक पर छत्रपति की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आरती की। इसके बाद बुढापारा के आउटडोर स्टेडियम में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। समाज के बच्चों ने नृत्य गायन और नाटकों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के दौरान 10वीं और 12वीं के प्रतिभावान छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया गया। खेल में समाज के राज्यस्तरीय, राष्ट्रस्तरीय और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के खिलाड़ियों को भी पुरस्कृत किया गया।
भारतमाता चौक से भी निकली पालकी यात्रा
महाराष्ट्र के पारंपरिक पतक बैंड के साथ भारतमाता चौक से छत्रपति शिवाजी की पालकी यात्रा निकाली गई। प्रदेश कुनबी समाज महासंगठन की इस पालकी यात्रा में प्रदेश के राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा ने पारंपरिक मराठी बैंड बजाया। इस शोभायात्रा में छत्रपति शिवाजी के साथ तुलजा भवानी, जीजाबाई और संत तुकाराम की वेशभूषा में समाज के लोग शामिल हुए। इसमें भगवान श्रीराम की झांकी मुख्य रूप से निकाली गई थी। बड़ी संख्या में शामिल महिला और पुरुष भगवा पगड़ी पहने हुए अतिउत्साह के साथ शिवाजी का जयघोष करते हुए तात्यापारा चौक पहुंचे।
छत्रपति शिवाजी ने कटक से अटक तक फहराई भगवा पताका : निमोणकर
महाराष्ट्र नाट्य मंडल के सचिव प्रसन्न निमोणकर ने कहा कि 394 साल पहले छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्धारित उनके जीवन मूल्यों की पूरी व्याख्या आज भी अधूरी है। अपने 50 साल के जीवनकाल में उन्होंने हिंदवी स्वराज के सपने को न सिर्फ पूरा किया, बल्कि कटक से अटक तक भगवा पताका फहराते हुए मुगलों को मराठा शक्ति से परिचित कराया। निमोणकर ने शिवाजी की वीरता के किस्से बताकर वहीं मौजूद युवा पीढ़ी को उनसे सीख लेने और अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया।