- आईएमए में दो गुट: एक ट्रस्ट तो दूसरा हाइब्रिड मोड से भुगतान का कर रहा दावा
रायपुर। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन में दो गुट है, जो बकाया पेमेंट के लिए अलग-अलग सीएम से लेकर स्वास्थ्य मंत्री व एसीएस हैल्थ से मिल रहे हैं। एक गुट का दावा है कि आने वाले दिनों में इलाज का भुगतान ट्रस्ट मोड में होगा तो दूसरा हाइब्रिड मोड का दावा कर रहा है। हालांकि पेमेंट नहीं होने से सफर अस्पतालों से लेकर मरीजों तक को करना पड़ रहा है।
आईएमए के अनुसार 1200 करोड़ के आसपास आयुष्मान भारत योजना के तहत मरीजों के किए गए फ्री इलाज का भुगतान नहीं हुआ है। इस पर आईएमए के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम विष्णुदेव साय से भेंट की। इस पर सीएम ने स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल व वित्त मंत्री ओपी चौधरी को पेंडिंग तत्काल देने के निर्देश दिए है। दावा किया जा रहा है कि दो से तीन दिनों में अस्पतालों को पेमेंट मिल जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल का दावा है कि सीएम साय ने ट्रस्ट मोड को नहीं बदलने का आश्वासन दिया है।इस मोड में 1800 करोड़ के करीब इलाज हुआ है, जिसका भुगतान अभी भी बाकी है। ये मोड कांग्रेस सरकार लेकर आया था। सरकार बदलने के बाद बकाया पेमेंट के लिए भी आईएमए की गतिविधियां तेज हुई है। आईएमए के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को बताया कि पहले भी दो बार अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों को काम दिया जा चुका है और दोनो बार यह मोड़ फेल साबित हुआ है। कंपनी पैसा बचाने के चक्कर में वे वास्तविक मरीजों के केस का भी अप्रूवल देने से आनाकानी करती है। इससेेेेेेेे मरीजों का इलाज बीच में बंद करनाा पड़ता है।
पेमेंट नहीं होने से अस्पताल बंद होने की कगार पर पहुंचा
प्रतिनिधिमंडल ने सीएम को बताया कि आयुष्मान भारत की राशि का भुगतान नहीं होने से कई अस्पताल बंद होने के कगार पर पहुंच गए हैं। बैंकों के कर्जे बढ़ते जा रहे हैं। ऐसे में यह योजना छत्तीसगढ़ में दम तोड़ देगी। प्रतिनिधिमंडल में डॉ. विमल चोपड़ा, डॉ. सुरेंद्र शुक्ला, डॉ. अशोक त्रिपाठी, डॉ. शैलेश खंडेलवाल, डॉ. अखिलेश दुबे, डॉ. केतन शाह एवं दानसिंह देवांगन शामिल थे।