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रेरा का मूल मकसद उपभोक्ताओं का संरक्षण एवं समय पर आवास की उपलब्धता है -संजय शुक्ला

रायपुर। रेरा के नए अध्यक्ष संजय शुक्ला ने पद संभालने के पश्चात प्रथम बार मीडिया को रेरा के कामकाज की जानकारी प्रदान की। उनका कहना है कि रेरा का कार्य उपभोक्ताओं का संरक्षण करना है, साथ ही यह देखना भी है कि उपभोक्ताओं को समय पर आवास मिल रहा है कि नहीं। जिनकी शिकायतें आती हैं उनका जल्द से जल्द समाधान करके फैसला किया जाता है। 5 साल में रेरा ने सबसे ज्यादा शिकायतों पर ही कार्य किया है।

श्री शुक्ला ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए यह भी कहा कि रेरा के कार्य के मामलों में छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। देश के टॉप 3 राज्यों में छत्तीसगढ़ का नाम है। छोटे नगरीय निकाय में विकास के कार्य हो रहे हैं। टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के तहत कार्य किए जा रहे हैं। सबका मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा है। उपभोक्ताओं की सुविधा के अनुसार रेरा कार्य करेगी इसका विशेष ध्यान रखा जाएगा। उपभोक्ता संरक्षण को बढ़ावा देना ही रेरा का मूल कार्य है हमारे रेरा का प्रमुख उद्देश्य उपभोक्ता संरक्षण के साथ-साथ समय पर आवास उपलब्ध कराना है। शिकायतों के आधार पर रेरा कार्य करता है। टाउन कंट्री के विपरीत जो मकान बने हैं उसकी जांच रेरा करेगा। श्री शुक्ला ने बताया रेरा को अपनी गठन से लेकर अब तक 2093 शिकायतें प्राप्त हुई है और 74 शिकायत लंबित हैं। 5 साल में हमने शिकायतों पर ज्यादा कार्य किया है और संबंधित शिकायतों का निराकरण किया है। वर्तमान में 775 रजिस्टर्ड एजेंट रेरा में दर्ज हैं। जो बिल्डर एवं एजेंट बिना पंजीयन के कार्य कर रहे हैं उन पर कठोर कार्यवाही की जा रही है। लोगों को वैध मकान मिल सके यह रेरा का मकसद है। पत्रकारों से चर्चा के दौरान रेरा के सदस्य धनंजय देवांगन भी उपस्थित थे।