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रॉयल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड इंजीनियरिंग डिवीज़न में भीषण आग, एक कर्मचारी की मौत

रायपुर। सिंघानिया चौक उरला स्थित रॉयल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड इंजीनियरिंग डिवीज़न फैक्ट्री में बुधवार सुबह 10 बजे भीषण आग लग गई। ज्वलनशील पदार्थ  पेंट और तारपीन के डिब्बों में आग लगी जो देखते ही देखते ऑफिस में फैल गई। जिस समय आग लगी थी, उसी समय ऑफिस खुला ही था। ऑफिस में आधा दर्जन कर्मचारी थे, जो वहां से किसी तरह जान बचाकर भागे। ऑफिस के भीतर कमरे में ऑफिस बॉय विकास इयरफोन लगाकर गाना सुन रहा था। उसे पेंट के डिब्बों में ब्लास्ट की आवाज सुनाई नहीं दी। जब उसने आग देखी तब तक कमरे से निकलने वाला रास्ता आग की लपटों में घिर गया था। वह कमरे से बाहर ही नहीं निकल पाया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पौन घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। आग फैक्ट्री के ऑफिस वाले हिस्से में लगी थी। शाम को पोस्टमार्टम के बाद विकास का शव परिजनों को सौंप दिया गया।

 लोहे का गर्डर बनाने वाली इस फैक्ट्री में कवर्धा दशरंगपुर निवासी विकास चंद्राकर कई सालों से काम कर रहा था। वह बुधवार को सुबह 9 बजे फैक्ट्री पहुंचा और ऑफिस की सफाई में जुट गया। वहां काम करते करते इयरफोन लगाकर गाना सुनने लगा क्योंकि अधिकांश ऑफिस स्टॉफ 10 से 10.30 बजे के बीच आते हैं। सुबह 10 बजे के आस-पास पेंट व तारपीन के डिब्बों में ब्लास्ट होना शुरू हो गया। देखते ही देखते पेंट की आग वहां रखे बाकी डिब्बे में लग गई। थोड़ी देर में आग की लपटें ऑफिस में भी फैल गई। ऑफिस में बैठे आधा दर्जन कर्मचारी जान बचाकर भागे। विकास जिस कमरे में था। उसी के सामने पेंट का डिब्बे रखे हुए थे। भीषण आग लगी हुई थी। प्रबंधन को शक है कि इयरफोन लगाने की वजह से विकास को ब्लास्ट की आवाज सुनाई नहीं दी। इस वजह से वह भाग नहीं पाया।

खेतीबाड़ी छोड़कर शहर आया था कमाने खाने

पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि विकास की कुछ साल पहले ही शादी हुई थी। वह उरला में किराए पर रहता है। वह रोज सुबह 9 बजे फैक्ट्री पहुंच जाता था। विकास के बड़े भाई और माता-पिता कवर्धा में रहते हैं। वे खेती-किसानी करते हैं। वह खेती किसानी छोड़कर शहर कमाने खाने का आया था और यहीं बस गया था।

प्रबंधन के खिलाफ दर्ज होगा केस

उरला पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। हादसे की वजह जानने के लिए एक्सपर्ट की मदद ली जा रही है। प्रारंभिक जांच में फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ लापरवाही पाई गई है। जांच के बाद घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ लापरवाही से मौत का केस दर्ज किया जाएगा। पुलिस ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने का निर्देश दिया है।

प्रबंधन से हुई घटना विषयक चर्चा

प्रबंधन से मोबाइल पर हुई चर्चा अनुसार फायर सेफ्टी के सारे इंतज़ामात फैक्ट्री में उपलब्ध थे तो भी इसका इस्तेमाल उस समय नहीं हो सका। फैक्ट्री प्रबंधन ने यह भी माना कि फायर ब्रिगेड एवं पुलिस-प्रशासन का सहयोग उनको जानकारी देने के पंद्रह मिनट के पश्चात ही उपलब्ध हो गया था। प्रबंधन ने मृतक के परिजनों को मुआवजा राशि,पीएफ राशि, ईएसआई की राशि उपलब्ध कराने की बात कही है एवं परिवार के किसी भी सदस्य को रोजगार उपलब्ध कराने की बात भी स्वीकार की है।

यूव्हीआर न्यूज़ टीम की ये राय है कि फायर सेफ्टी उपकरण का इस्तेमाल उस समय में न हो सका इसमें प्रबंधन की लापरवाही साफ़ नजर आ रही है अगर इसका इस्तेमाल उनके द्वारा उस समय में हो जाता तो ये आग भीषण रूप न धारण करती एक घर का चिराग न बुझाती।