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स्टार्टअप की शुरुआत करने अभी से बेहतर कोई समय नहीं, पुराने ऑर्गनाइजेशन में कर सकते हैं इनोवेशन

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट रायपुर में युक्ति बिजनेस कॉनक्लेव का आयोजन 

रायपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) में युक्ति बिजनेस  कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया। कॉन्क्लेव के अंतिम दिन पैनल डिस्कशन के साथ ही बोर्डरूम सिमुलेशन इवेंट हुए। विश्व कौशल स्टार्टअप से स्केल अप विषय पर आयोजित पैनल डिस्कशन में एक्सपर्ट ने कहा कि स्टार्टअप का मतलब हमेशा नए सिरे से बिजनेस शुरू करना नहीं होता। आप किसी मौजूदा ऑर्गनाइजेशन में नई पहल या इनोवेशन कर सकते हैं। साथ ही बताया गया कि अगर आप भी स्टार्टअप शुरू करना चाहते हैं तो अभी से बेहतर कोई समय नहीं हैं। डिस्कशन में स्केलिनवक्र्स के ग्लोबल एसेसिएट डायरेक्टर सुमित सक्सेना, इन्फोसिस कंसल्टिंग के इंदर एन. दुआ, टाइटन इंजीनियरिंग के सीईओ श्रीधर नीलकंठन शामिल हुए। इस दौरान एसोसिएट प्रोफेसर प्रो. रामकुमार एम, प्रो. प्रकृति सोरल व अन्य मौजूद थे।

युक्ति बिजनेस कॉन्क्लेव में एक्सपर्ट ने के विचार

सुमित सक्सेना

1. एआई, मशीन लर्निंग और विशेषज्ञता की अत्यधिक मांग है, स्टार्टअप मुनाफे से अधिक समस्या समाधान पर जोर दे रहे हैं।  2. एआई नौकरियों को प्रभावित कर रहा है। ऐसे में कर्मचारियों में उद्योग की जरूरतों के हिसाब से कौशल बढ़ाने और लर्निंग एंड डेवलपमेंटपर फोकस करना होगा। 3. भविष्य में निवेश करना बहुत महत्वपूर्ण है। 4. स्टार्टअप शुरू करने का विचार एक समस्या को पहचान कर उसे हल करने पर आधारित होता है।

इंदर एन दुआ

1. स्टार्टअप में टीम प्रबंधन, बिक्री और भर्ती जैसी विविध भूमिकाएं निभाती हैं और उतार-चढ़ाव के माध्यम से सीखती है। 2. दृढ़ विश्वास और ग्राहक संबंध सफलता की नींव बनाते हैं। 3. स्टार्टअप और स्थापित संगठनों दोनों में नवाचार के अवसर मौजूद हैं। 4. आपके भीतर की ताकत को पाने के लिए अपने विश्वास को मजबूत करना होगा।

श्रीधर नीलकंठन

इंजीनियर अक्सर तकनीकी कौशल का लाभ उठाकर, बिक्री और ट्रेड जैसे नए स्ट्रेंथ की खोज करके स्टार्टअप में सफल होते है।

2. स्टार्टअप शुरू में गहराई और मजबूत कोर की मांग करते हैं इसलिए प्रक्रियाओं के निर्माण के लिए विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है।

3. स्टार्टअप में विकास की भूख है लेकिन स्केलिंग के लिए संसाधनों और बाजार की तैयारी के आधार पर सचेत निर्णय की आवश्यकता होती है।

4. उद्योग और शिक्षा जगत के मध्य सहयोग, नवाचार को बढ़ावा देने और अवसर पैदा करने के लिए महत्वपूर्ण है।