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सेकेंडरी स्टील में प्रथम बार राष्ट्रीय स्तर का इतना बड़ा आयोजन करने का सौभाग्य छत्तीसगढ़ को
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15 राज्यों से लगभग 700 प्रतिनिधि होंगे शामिल
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मेफेयर लेक रिसार्ट में होगा नेशनल कॉनक्लेव
रायपुर। विजन-2030 को लेकर दो दिवसीय ऑल इंडिया स्टील कॉनक्लेव का आयोजन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के पांच सितारा मेफेयर लेक रिसार्ट में 25 व 26 मार्च को किया जाना है। जिसमें 15 राज्य से लगभग 700 उद्यमी एवं संबंधित क्षेत्र के प्रतिनिधि भी शामिल हो रहे हैं। सेकेंडरी स्टील में पहली बार राष्ट्रीय स्तर का इतना बड़ा आयोजन करने का सौभाग्य छत्तीसगढ़ को मिला है। इसके आयोजक छत्तीसगढ़ स्टील री रोलर्स एसोसिएशन और सहयोगी संगठन छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्यूफैक्चरर्स एसोसिएशन व छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन है। यह तीनों संगठन प्रदेश की राष्ट्रीय स्तर पर ख्याति प्राप्त संगठनों में से एक है।
छत्तीसगढ़ स्टील री रोलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय त्रिपाठी, महासचिव बांकेबिहारी अग्रवाल एवं इवेंट चेयरमेन रमेश अग्रवाल ने संयुक्त पत्रकारवार्ता में बताया कि भारत पहले ही 2030 तक 300 मिलियन टन स्टील उत्पादन क्षमता के लक्ष्य के 150 मिलियन टन के आधे रास्ते को पार कर चुका है। आने वाले सात वर्षों में हम यहां से कहां तक जायेंगे यही इस कॉनक्लेव का मुख्य फोकस एवं लक्ष्य का विषय रहेगा। जैसे कि मालूम हो लौह अयस्क से समृद्ध छत्तीसगढ़ भारत में तीसरा सबसे बड़ा स्टील उत्पादक राज्य है और देश के कच्चे उत्पादन में लगभग 12 प्रतिशत का योगदान देता है। 10 प्रतिशत पेलेट और 20 प्रतिशत स्पंज आयरन की हिस्सेदारी राष्ट्रीय स्तर के कुल उत्पादन में छत्तीसगढ़ का है।
उन्होंने बताया कि इस आयोजन के प्रथम दिवस 25 मार्च को उद्घाटन सत्र का शुभारंभ मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल प्रातः 11 बजे करेंगे। इस अवसर पर प्रदेश के उद्योग व आबकारी मंत्री श्री कवासी लखमा व अन्य अतिथि भी उपस्थित रहेंगे। उद्घाटन पश्चात एक से सवा घंटे का अलग-अलग सत्र होगा जिसमें विषय के विशेषज्ञ अपनी बात रखेंगे। क्वालिटी कंट्रोल और तकनीकी विषय पर भी विशेष रूप से चर्चा होगी। समस्याओं पर बात होगी साथ ही प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलेगा। 15 राज्यों से लगभग 700 प्रतिनिधि कॉनक्लेव में शामिल होंगे। प्रमुखत: महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडू, पंजाब जैसे राज्य हैं। वहीं भिलाई इस्पात संयंत्र, एसईसीएल, जिंदल स्टील, टाटा स्टील, एनएमडीसी जैसे बड़ी कंपनियों के उच्च अधिकारी भी शामिल होंगे। 25 मार्च की शाम सांस्कृतिक संध्या में सचेत-परम्परा ग्रुप मुंबई अपनी प्रस्तुति देंगे।
कॉनक्लेव में चूंकि देश भर से स्टील उद्योग के उद्यमी के साथ-साथ संबंधित क्षेत्र के प्रतिनिधि भी हिस्सा ले रहे हैं इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर स्टील निर्माताओं के साथ नेटवर्किंग बनेगा। इंडिया स्टील विजन 2030 का मुख्य फोकस प्वाइंट ‘अवसर और चुनौतियां’ ही है। दो दिन के इस कॉनक्लेव में भारत के ईएएफ-आईएफ आधारित इस्पात उद्योग के नए अवसरों और बदलते बाजार की गतिशीलता पर केंद्रित चर्चा भी होगी। राज्य व केन्द्र सरकार की इंड्स्ट्री से जुड़ी पालिसी पर बात रखी जायेगी।
दूसरे दिन 26 मार्च को समापन सत्र में केन्द्रीय इस्पात राज्य मंत्री श्री फग्गनसिंह कुलस्ते व अन्य अतिथिगण शामिल होंगे। इसी दिन दोपहर में मोटिवेशनल सत्र रखा गया है जिसमें श्री अनुपम खेर अपना प्रेरक उद्बोधन देंगे। इसके पश्चात बाहर से आए प्रतिनिधियों का औद्योगिक भ्रमण का भी कार्यक्रम है। पूरा विश्वास है कि दो दिन का यह ऑल इंडिया स्टील कॉनक्लेव इस सेक्टर के लिए मील का पत्थर साबित होगा और छत्तीसगढ़ को स्टील मेकिंग का हब बनाने में मार्ग प्रशस्त करेगा।