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रायपुर में एक और बड़ा भूमि घोटाला, कथित महंत और संदिग्ध गिरोह के साझा से मंदिरों की 500 करोड़ की संपत्ति हड़पने की साजिश

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले में एक बड़ा भूमि घोटाला सामने आया है, जिसमें संदिग्ध गिरोह और कथित महंतों की मिलीभगत के आरोप लगे हैं। आरोप है कि कथित महंत आशीष दास और महासमुंद के हरमीत सिंह खनुजा ने मिलकर हनुमान मंदिर, गोपीदास मंदिर और रामचन्द्र स्वामी मंदिर की करोड़ों की संपत्तियों को अवैध तरीके से हड़पने का प्रयास किया है।

प्रेस क्लब रायपुर में आज आयोजित एक पत्रकार वार्ता में अकलेश जैन ने इन घोटालों का खुलासा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कथित महंत आशीष दास ने तहसीलदार अजय कुमार चंद्रवंशी के साथ मिलकर सार्वजनिक ट्रस्ट की संपत्ति को अपने नाम करवा लिया। इसके साथ ही तहसीलदार द्वारा 1 करोड़ रुपए की रिश्वत लेकर 300 करोड़ रुपए की संपत्ति को अवैध रूप से बेचने की योजना बनाई गई।

रायपुर में स्थित इन मंदिरों की संपत्ति करीब 500 करोड़ रुपए की बताई जा रही है, जिसमें 40 एकड़ भूमि शामिल है। जैन ने बताया कि इन संपत्तियों की रजिस्ट्री व नामांतरण के लिए कई अधिकारियों ने नियमों का उल्लंघन किया है, जिनमें राजस्व विभाग के कर्मचारियों की संलिप्तता भी है। उन्होंने मुख्यमंत्री, कलेक्टर रायपुर और अन्य अधिकारियों से मामले की विस्तृत जांच की मांग की है और दोषी अधिकारियों को कड़ी सजा दिलवाने की अपील की है।

अकलेश जैन ने यह भी आरोप लगाया कि हरमीत सिंह खनुजा और उसके सहयोगी रायपुर में कई अन्य विवादित भूमियों का सौदा करने की कोशिश कर रहे हैं, जिसमें कई सत्ता दल के नेता और अन्य संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री ने ऐसे मामलों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारी इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। जैन ने चेतावनी दी कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं की गई तो वे बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे।