रायपुर। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अश्विन गर्ग ने बताया कि राज्य शासन द्वारा घोषित औद्योगिक क्षेत्रों में सभी मूलभुत सुविधाये जैसे- भूमि, पानी, सड़क, स्ट्रीट लाईट इत्यादि सी.एस.आई.डी.सी. द्वारा प्रदान किया जाता है। उद्योग सी.एस.आई.डी.सी. की जमीन पर लीज पर है एवं सी.एस.आई.डी.सी. के द्वारा उद्योगो से भू-भाटक, जलसंधारण शुल्क एवं संधारण शुल्क लिया जाता है और औद्योगिक क्षेत्र के सड़क का निर्माण एवं मरम्मत, नाली की सफाई और स्ट्रीट लाईट की मरम्मत सी.एस.आई.डी.सी. द्वारा किया जाता है
उपरोक्त तथ्यों से यह स्पष्ट है कि नगर निगम द्वारा उद्योगो से संपत्तिकर की मांग समय समय पर की जाती रही है, जो कि दोहरा कररोपण के समान है कदापि यह न्यायसंगत नहीं था जिससें उद्योगो पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा था।
इस दोहरे कररोपण को एक दशक से उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन द्वारा हटाने का मांग किया जाता रहा है। उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन शासन और प्रशासनिक अधिकारियों से निरंतर अनुरोध करता रहा। अंततः मुख्यमंत्री जी ने राज्य के विकास को गति देने के लिए तत्काल निराकरण का आश्वाशन हमे प्रदान किया था। जिसका मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर उद्योग विभाग द्वारा विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के उद्योगो को संपत्तिकर से मुक्त करने की जो ऐतिहासिक सौगात दी है। हमारे प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री द्वारा उरला इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की बहुप्रतीक्षित मांग को पूरा किया गया। जिसका उद्योग जगत पुरजोर तरीके से स्वागत करता है।
मुख्यमंत्री जी द्वारा समय-समय पर उद्योगों के हित के लिए सार्थक योजनाएं बनायी गयी है एवं ये सभी योजनाएं प्रदेश में फलीभूत हुई हैं। जिससे कि प्रदेश के औद्योगिकीकरण मेें एक नई क्रांति का संचार हुआ है। प्रदेश में नए उद्योगों की स्थापना हेतु अनेक एमओयू हुये है यह हमारे प्रदेश के मुखिया की सकारात्मक सोच और कर्मठता का नतीजा है कि नए उद्योगों के आने से प्रदेश मे रोजगार के अवसर बढ़ रहें हैं जिससे राज्य का लगातार विकास हो रहा है।