रायगढ़। उद्योग विभाग पूंजीपथरा में एक नया इंडस्ट्रियल एरिया विकसित करने जा रहा है। यहां करीब 22 हेक्टेयर जमीन चिह्नांकित की गई है। सामाजिक समाघात निर्धारण के लिए बैठक भी कर ली गई है। रायगढ़ जिले में छोटे और मझोले उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए औद्योगिक पार्क की स्थापना की मांग की जा रही है। पहले सियारपाली और महापल्ली में जमीन लेकर इंडस्ट्रियल एरिया प्रोजेक्ट शुरू किया गया था। सीएसआईडीसी के प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद भी अब तक जमीन आवंटन नहीं हो सका है।
अब उद्योग विभाग एक और प्रोजेक्ट लेकर आया है। पूंजीपथरा में 21.346 हे. निजी भूमि को चिह्नित कर उस पर औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना करने प्रस्ताव भेजा गया है। भूमि की आपसी सहमति से क्रय होगा या अधिग्रहण होगा, यह अभी तय नहीं है। कहा जा रहा है कि इस पार्क के बनने से पूंजीपथरा क्षेत्र में उद्योगों का दबाव बढ़ जाएगा। वर्तमान में स्थापित उद्योगों को जरूरी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं। पूंजीपथरा तमनार क्षेत्र उद्योगों की अधिकता के कारण भारी प्रदूषण की चपेट में है। यहां रोड भी बेहद खराब हैं। अब एक और औद्योगिक पार्क बनने से प्रदूषण का स्तर बढऩा तय है। अन्य उद्योग भी विस्तार करते जा रहे हैं।
सामाजिक समाघात कमेटी पर उठे सवाल
सीजीएम उद्योग विभाग रायगढ़ के प्रस्ताव पर पूंजीपथरा क्षेत्र में निजी जमीन पर औद्योगिक क्षेत्र स्थापित करने का फैसला किया गया है। इसके लिए क्षेत्र में सामाजिक समाघात का निर्धारण की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई है। इस रिपोर्ट का मूल्यांकन करने के लिए विशेषज्ञ कमेटी बनाई गई है। इसमें दीपक सोनी यूथ वेलफेयर सोसायटी, डॉ. मुकेश गोस्वामी जनमित्रम, रोहिणी बसंत राठिया जिपं सदस्य, गायत्री बेहरा जनपद सदस्य तमनार, एके अग्रवाल रिटायर्ड अपर कलेक्टर, एचआर वैश्य रिटायर्ड ज्वाइंट कलेक्टर, एमएस नायक एसडीओ पीडब्ल्यूडी और तहसीलदार घरघोड़ा को रखा गया है। इस कमेटी पर ही कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने सवाल उठाए हैं। एनजीटी ने पहले नीरी से कैरिंग कैपेसिटी सर्वे करने का आदेश दिया था।