यह मेरे लिए भावुक क्षण है, जनता को विश्वास दिलाता हूं उनका मोहन वैसे ही काम करेगा।
रायपुर। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा, संसदीय कार्य, धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व, पर्यटन एवं सांस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सोमवार को विधानसभा की सदस्यता से सांसद निर्वाचित होने के बाद विधासभा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह को अपना इस्तीफा सौंपा, लेकिन वे फिलहाल मंत्री पद पर बने रहेंगे। डॉ. सिंह ने इसे मंजूर करते हुए सचिव दिनेश शर्मा को आगे की कार्रवाई के लिए भेज दिया। इसके साथ ही रायपुर दक्षिण विधानसभा सीट रिक्त हो गई है। आठ बार के निर्वाचित विधायक बृजमोहन अग्रवाल मध्यप्रदेश की पटवा सरकार और छत्तीसगढ़ के रमन सरकार में मंत्री पद पर रहे हैं और उन्होंने हाल ही में प्रदेश में सबसे ज्यादा पौने 6 लाख वोटों से चुनाव जीतकर सांसद चुने गए है।
बृजमोहन की कमी सदन में होगी महसूस – रमन
इस्तीफा मंजूर करते हुए डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल की कमी सदन में महसूस होगी लेकिन यह उनके लिए उपलब्धि है। अग्रवाल को अब बड़े कैनवास पर काम करने का अवसर मिलेगा। वे हमसे दूर नहीं जा रहे दिल्ली जा रहे हैं और छत्तीसगढ़ को बेहतर तरीके से संसद में प्रस्तुत करने का काम करेंगे। डॉ. सिंह ने कहा बृजमोहन का विधानसभा में रहना ही काफी रहता था, वे तीखेपन और विध्वता के साथ बातें रखते थे। मेरी उन्हें शुभकामनाएं हैं।
वहीं इस्तीफे के बाद अग्रवाल ने कहा केन्द्रीय नेतृत्व के निर्देश पर जनता के अपार स्नेह के साथ मैं लोकसभा जा रहा हूं। यह मेरे लिए भावुक क्षण है, मेरे कार्यकर्ता भी भावुक हैं, जनता को विश्वास दिलाता हूं उनका मोहन वैसे ही काम करेगा, उनके दुख दर्द उठाता रहेगा। बृजमोहन ने लोगों से यह कहकर क्षमा मांगी कि 35 वर्षों में मेरे काम और व्यवहार से किसी को ठेस पहुंची हो तो क्षमा प्राथी हूं। मैं सांसद के रूप में नई पारी शुरू कर रहा हूं, मुझे जनता का आशीर्वाद मिलता रहे। मंत्री न बनाए जाने पर किसी तरह के मलाल से इंकार करते हुए बृजमोहन ने कहा कभी कोई मलाल नहीं रहा। मुझे पार्टी और जनता ने 8 बार विधायक बनाया। अंतिम बार रिकार्ड मतों से विधानसभा और पहली बार लोकसभा भी रिकार्ड मतों से जिताया। मैं मानता हूं समय से पहले किस्मत से ज्यादा नहीं मिलता। मंत्री पद से इस्तीफे को लेकर कहा कि यह मुख्यमंत्रीजी से पूछिए क्योंकि मंत्री बनाना, नहीं बनाना उनका निर्णय होता है।