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देश की प्रथम लिथियम खदान एमएसएमपीएल को, तीन साल के कंपोजिट लाइसेंस के साथ

रायपुर। देश की पहली लीथियम खदान माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड (एमएसएमपीएल) को मिली है। केन्द्र सरकार ने सोमवार को कहा कि माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने छत्तीसगढ़ में बिक्री के लिए रखा गया और देश का पहला लीथियम ब्लॉक हासिल कर लिया है। कंपनी को 3 साल का कंपोजिट लाइसेंस मिलेगा। इसे विस्तार से दो साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। कंपोजिट लाइसेंस मिलने पर कंपनी को लीथियम के खनन का अधिकार मिलेगा तो दूसरी ओर जिले में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। कोयले के बाद अब लीथियम ही खनिज से डीएमएफ फंड में राशि मिलेगी। इसे कोरबा जिले के विकास कार्यों में खर्च किया जा सकेगा।

कटघोरा लीथियम ब्लॉक के लिए रिजर्व प्राइज 2 प्रतिशत के विरुद्ध 76.05 प्रतिशत की बोली आई, जो रिजर्व प्राइज से 38 गुना ज्यादा है। आचार संहिता हटने के बाद इसी नीलामी प्रीमियम पर एमएसएमपीएल कंपनी को लीथियम ब्लॉक आवंटित कर दिया गया है। उक्त कंपनी इस तरह नीलामी के चौथे दौर में लीथियम ब्लॉक को खरीदने में सफलता पाई है। लीथियम की खदान शुरू होने पर कोरबा ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश में भी समृद्धि के द्वार खुलेंगे। साथ ही अब कोरबा जिला बिजली व कोयले के बाद प्रदेश व देश में लीथियम खनन के लिए भी जाना व पहचाना जाएगा। लीथियम के कटघोरा ब्लॉक के लिए कंपोजिट लाइसेंस मिलने के बाद मैकी में साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को परीक्षण व खनन दोनों का अधिकार मिलेगा। कटघोरा का लीथियम ब्लॉक पाने अनेक निवेशकों व औद्योगिक समूह रेस में थे।
कंपोजिट लाइसेंस से खनन का पहला प्रोजेक्ट होगा

एक जानकारी के अनुसार कंपोजिट लाइसेंस से कटघोरा के लीथियम ब्लॉक से खनन का यह पहला प्रोजेक्ट होगा। कटघोरा के लीथियम ब्लॉक के लिए ओला, वेदांता, जिंदल, श्रीसीमेंट, अडाणी समूह, अल्ट्राटेक सीमेंट समेत कई बड़ी कंपनियों ने भी बोली लगाई थी। इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में लीथियम की सर्वाधिक उपयोगिता है। इस कारण इलेक्ट्रिक वाहन तैयार करने वाली कंपनी ने भी लीथियम ब्लॉक लेने नीलामी प्रक्रिया में भाग लिया था। इस ब्लॉक से खनन का अधिकार पाने वाली माइकी साउथ माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड का मुख्यालय कोलकाता पश्चिम बंगाल में हैं।