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उद्यमिता व्यक्तिगत विकास के साथ देश के विकास की प्रमुख सीढ़ी है : डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला

रायपुर। युवाओं को इनोवेशन और आंत्रप्रेन्योरशिप के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए पं. रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी ऑडिटोरियम में शनिवार को सेमिनार का आयोजन किया गया। मुख्य वक्ता छत्तीसगढ़ राज्य औद्योगिक विकास निगम के उप संचालक अभय त्रिपाठी ने सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े उद्योग श्रेणियों को विस्तार से बताया।

उन्होंने सभी को यह प्रेरणा दी कि उद्यमिता के जरिए हम न केवल अपनी व्यक्तिगत सफलता प्राप्त कर सकते हैं, बल्कि देश के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। कुलपति डॉ. सच्चिदानंद शुक्ला ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत के विजन के तहत शिक्षा और उद्योग संबंधी नीतियों को और मजबूत करना होगा, ताकि हम आत्मनिर्भर और समृद्ध राष्ट्र बन सकें।

बिना उद्योग राष्ट्र का विकास नहीं : डॉ. रविंद्र

एक्सपर्ट के रूप में शामिल अर्थशास्त्री डॉ. रविंद्र ब्रह्मे ने कहा कि बिना उद्योग के कोई राष्ट्र विकास नहीं कर सकता। विकास तभी संभव है जब, हम खुद को रोजगार देने वाला बनाएं, न कि केवल नौकरी प्राप्त करने वाला। उन्होंने उदाहरण दिया कि छत्तीसगढ़ में न केवल खनिज संसाधन हैं, बल्कि कई रत्न और आभूषण भी छिपे हुए हैं, जिन्हें खोजनेकी आवश्यकता है। व्यापारी संघ के दिलीप टिकरिया ने कहा कि सफलता के लिए प्रयास करना आवश्यक है। हर असफलता के बीच सफलता का एक रास्ता होता है। सिटकॉन के पूर्व डायरेक्टर प्रसन्ना निमोनकर ने स्टूडेंट्स से कहा कि केवल जानकारी को किताबों तक सीमित नहीं रखना चाहिए, बल्कि उसे जीवन में उतारना भी जरूरी है। वक्ता और आईआईसी प्रमुख डॉ. कविता ठाकुर ने कहा कि कि वर्तमान पाठ्यक्रम और उद्योग के बीच एक अंतर है, जिसे दूर करने को आवश्यकता है।