क्यों चर्चा में हैं: मार्क जुकरबर्ग सोशल मीडिया के
एकाधिकार को लेकर आजकल चर्चा में हैं। अमरीकी कोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा चल रहा है। अनुमान लगाया जा रहा है कि कोर्ट ने अगर उनके खिलाफ फैसला दिया तो उनको इंस्टाग्राम और व्हॉट्सऐप को बेचना पड़ सकता है। जानते हैं सफलता और लीडरशिप को लेकर उनकी सोच क्या है।
तेजी से आगे बढ़ें और प्रयोग करते रहें
उनका नेतृत्व मंत्र है ‘Move fast and break things’ जुकरबर्ग का मानना है कि परफेक्शन के चक्कर में धीमा काम करने से बेहतर है कि आप तेजी से कुछ नया बनाएं, गलतियां करें और सीखते रहें। इससे आपको अधिक ऊर्जा भी मिलती है। इनोवेशन तभी होता है जब आप प्रयोग करने से डरते नहीं हैं।
जुनूनी और स्मार्ट लोगों को साथ रखते
एक सच्चे लीडर की तरह जुकरबर्ग हमेशा एक मजबूत टीम और सकारात्मक कार्य संस्कृति बनाने पर जोर देते हैं। उनका मानना है कि जब आप अपने आसपास स्मार्ट और जुनूनी लोग रखते हैं, तो पूरी टीम आगे बढ़ती है। वह कहते हैं हम ऐसे लोगों को हायर करते हैं, जिनमें काम करने की ललक होती है।
पैसे को प्राथमिकता न दें, मिशन बनाएं
जुकरबर्ग का कहना है कि यदि आप सिर्फ पैसे के लिए कुछ शुरू करते हैं, तो आप शायद सफल नहीं होंगे। एक मिशन, एक ऐसा मकसद जिससे लोग जुड़ सकें। फेसबुक का मकसद लोगों को जोड़ना था। यही बात उसे दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी बनाती है।
सबसे बड़ा जोखिम है कोई जोखिम न लेना
वह मानते हैं कि अगर आप सफलता चाहते हैं, तो आपको जोखिम उठाने की हिम्मत रखनी होगी। केवल सुरक्षित रहकर बड़ी उपलब्धियां नहीं पाई जा सकतीं। तकनीक और बिजनेस की दुनिया में तेजी से बदलाव होता रहता है, जो नई चीजें आजमाने से डरते हैं, वो पीछे रह जाते हैं। बदलाव के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए।
दूरदर्शी सोच
मार्क जुकरबर्ग ने 19 साल की उम्र में फेसबुक की शुरुआत की थी। उन्होंने इसे एक वैश्विक कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म के रूप में स्थापित किया है।
आइडिया कभी भी पूरी तरह तैयार नहीं होते, वो तभी स्पष्ट होते है जब आप उन पर काम करते हैं। लोग इस बात की परवाह नहीं करते कि आप क्या कहते हैं, वो देखते हैं आपने क्या बनाया है।
सोच-समझकर आगे बढ़ना
चाहे वह इंस्टाग्राम व व्हॉट्सऐप जैसे प्लेटफॉर्म्स को अधिग्रहित करने का बड़ा फैसला हो, या मेटावर्स में अरबों डॉलर का निवेश-वे हमेशा calculated risk लेने के लिए जाने जाते हैं।
मेटावर्स की ओर उनका रुख लॉन्ग टर्म सोच को दिखाता है
मार्क जुकरबर्ग के लिए एक लीडर सिर्फ आज की नहीं, भविष्य की भी सोचता है। मेटावर्स की ओर उनका रुख इसका उदाहरण है। वे कहते हैं कि एक लीडर को अपनी टीम और दुनिया के लिए एक बड़ा सपना दिखाना चाहिए, जिससे लोग प्रेरित हों और जुड़ाव महसूस करें।