छत्तीसगढ़ सरकार ने लोगों को भूमि रजिस्ट्री में होने वाली परेशानी से बचाने के लिए एक अहम आदेश जारी किया है। अब रजिस्ट्री के दौरान भूमि पर लगे वृक्षों का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा, जिससे रजिस्ट्री शुल्क में वृद्धि और पटवारी के पास बार-बार चक्कर लगाने की समस्या समाप्त हो जाएगी। पहले, भूमि पर लगे वृक्षों, जैसे सागौन और सरई के पेड़ों का मूल्यांकन रजिस्ट्री के दौरान करना पड़ता था, और इनकी कीमत भूमि के गाइडलाइन रेट में जुड़ जाती थी, जिससे रजिस्ट्री शुल्क में वृद्धि होती थी।
इसके अलावा, पटवारियों को भूमि पर वृक्षों का प्रमाणपत्र बनाने में भी अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती थी, जिससे लोगों को बार-बार पटवारी के पास जाना पड़ता था और यह प्रक्रिया लंबी हो जाती थी। नए आदेश के तहत, अब इस प्रक्रिया से मुक्ति मिल जाएगी, जिससे लोगों को न सिर्फ समय की बचत होगी, बल्कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया भी सरल और तेज हो जाएगी।