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राजनांदगांव प्रतिष्ठा की सीट पर आज है मतदान, देखते है बीजेपी का कमल फूल खिलेगा या कांग्रेस के पंजा का जादू चलेगा

  • चुनावी समर में कुल 15 प्रत्याशी हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा के संतोष पांडेय और कांग्रेस के भूपेश बघेल के बीच है।

राजनांदगांव। वैसे तो प्रदेश में आज तीन लोकसभा क्षेत्र पर मतदान हो रहे हैं लेकिन सबसे ज्यादा उत्सुकता राजनांदगांव की सीट को लेकर हैं कि क्या यहां पुन: कमल खिलेगा या पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल देंगे टक्कर.? वैसे इस सीट को भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल प्रतिष्ठा का मानकर लड़ रही है। चुनावी समर में कुल 15 प्रत्याशी हैं। मुख्य मुकाबला भाजपा के संतोष पांडेय और कांग्रेस के भूपेश बघेल के बीच है। भाजपा व कांग्रेस की नजर महिला व युवा मतदाताओं पर है। पूरे प्रचार अभियान में इन वर्गों को फोकस में रखकर काम किया गया। कुल 18.68 लाख मतदाताओं में 9.38 लाख महिला मतदाता हैं, जबकि युवा मतदाताओं की संख्या 5.06 लाख है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 76.04 प्रतिशत मतदान हुआ था। इस बार यह आंकड़ा बढऩे की संभावना है।

चार जिलों और आठ विधानसभा क्षेत्रों वाले राजनांदगांव संसदीय क्षेत्र में कुल 18 लाख 68 हजार 21 मतदाता हैं। इनमें पुरूष मतदाता नौ लाख 29 हजार 679 और महिला वोटर्स महिला नौ लाख 38 हजार 334 हैं। अन्य आठ मतदाता हैं। चुनावों में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले 18 से 19 वर्ष तक की आयु वाले युवा मतदाताओं की संख्या 58,568 है, जबकि 20 से 29 वर्ष वाले चार लाख 48 925 हैं।

लोकसभा क्षेत्र के आठ विधानसभा क्षेत्रों में से तीन पर सत्ताधारी दल भाजपा के विधायक हैं, जबकि पांच पर कांग्रेस को जीत मिली थी। चार माह पहले हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने पंडरिया व कवर्धा को मिलाकर लगभग 65 हजार की बढ़त ली थी। तीसरी सीट राजनांदगांव है जहां 45 हजार मतों से भाजपा ने जीत दर्ज की थी। इस तरह संसदीय क्षेत्र में भाजपा की कुल बढ़त 1.10 लाख मतों की थी।

दूसरी तरफ कांग्रेस के खाते में गई खैरागढ़ व डोंगरगढ़ को मिलाकर उसकी बढ़त का आंकड़ा लगभग 20 हजार का था। इसके अलावा कांग्रेस ने डोंगरगांव, खुज्जी व मोहला-मानपुर विधानसभा क्षेत्र में भी जीत का परचम लहराया था। तीनों सीटों को मिलाकर लगभग 63 हजार मतों की बढ़त थी।