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लघु एवं मध्यम उद्योगों के विकास को गारंटी देकर उन्हें देश-दुनिया का भाल बनाने का संकल्प

  • एमएसएमई बनेगा देश का भाल, नए उद्यमों को मौका
  • 50 मल्टी-प्रोडक्ट फूड इरेडिएशन इकाइयां स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता
  • लघु एवं मध्यम उद्योगों मुश्किल घड़ी में लोन के लिए नई व्यवस्था बनाएगी सरकार

बजट में छोटे और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के विकास को गारंटी देकर उन्हें देश-दुनिया का भाल बनाने का संकल्प जताया है, वहीं भरोसा दिलाया कि मुश्किल घड़ी में सरकार का साथ मिलेगा। इससे युवा उद्यमी कॅरियर की ऊंची छलांग लगाने का जोखिम उठा सकेंगे, तो महिलाओं की पारिवारिक अड़चनों को दूर करने के लिए पहल कर औद्योगिक दुनिया में उन्हें ऊंची छलांग लगाने का अवसर दिया है। इससे अब उद्योग जगत में महिलाओं का बराबरी का अधिकार और मजबूत होगा। इसके अलावा उद्योगों को दक्ष कार्मिक मुहैया कराने की मंशा जाहिर कर उनकी राह आसान की है। एंजेल टैक्स को भी समाप्त कर दिया गया है।

संकटकाल में मिलेगी एमएसएमई उद्यमियों को सहायता

एमएसएमई को संकटकाल में बैंक ऋण सुविधा जारी रखने के लिए नई व्यवस्था। इससे इनके बंद होने का खतरा टलेगा। एमएसएमई को व्यवसाय जारी रखने और एनपीए होने से बचाने के लिए संवर्धित निधि से गारंटी देकर ऋण।

बैंक ऋण आकलन का बनेगा नया मॉडल

बैंकों में एमएसएमई के आकलन के लिए डिजिटल फुट प्रिंटों के अंकों के आधार पर ऋण आकलन मॉडल। अब आकलन परिसंपत्ति अथवा कारोबार मानदण्डों के पारंपरिक तरीके से करने के बजाय नई व्यवस्था विकसित की जाएगी। इसमें बिना औपचारिक लेखांकन प्रणाली वाले एमएसएमई भी कवर होंगे।

आसान होगा उद्यम ऋण, सिडबी का बढ़ेगा दायरा

युवाओं को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में और लंबी रेस लगाने का मौका। एमएसएमई को बिना तीसरे पक्ष की गारंटी के ऋण ।स्व-वित्त गारंटी फंड बनाकर हर उद्योग को 100 करोड़ रुपए तक का गारंटी कवर।

बैंक ज्यादा लोन दे सकेंगे, वहीं एमएसएमई को लोन लेना आसान। लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) से छोटे उद्योगों को ऋण मिलना आसान होगा। 3 वर्षों के भीतर सभी प्रमुख एमएसएमई क्लस्टरों को सेवाएं देने के लिए सिडबी की नई शाखाएं। इस साल सिडबी कवरेज विस्तार 242 प्रमुख क्लस्टरों में से 168 क्लस्टरों तक हो जाएगा।

मुद्रा लोन अब 10 से बढ़ाकर 20 लाख

छोटे कारोबारियों को अब ज्यादा पैसा। मुद्रा लोन की सीमा 10 लाख रुपए से बढ़ाकर 20 लाख रुपए। ‘तरुण’ श्रेणी के अंतर्गत ऋण वालों को मिलेगा लाभ। पहले के ऋणों का सफलतापूर्वक चुकारा करने की लगाई जाएगी शर्त

एसएमई के लिए ट्रेड्स प्लेटफॉर्म बढ़ेंगे अवसर

एमएसएमई की प्राप्तियों को नगद में मानकर कार्य पूंजी को को अ अनलॉक करने की सुविधा। मध्यम उद्यमों को भी आपूर्तिकर्ता के दायरे में शामिल किया जाएगा। ट्रेड्स प्लेटफॉर्म के लिए कारोबार की सीमा 500 करोड़ से घटाकर 250 करोड़ रुपए। यह उपाय 22 और सीपीएसई तथा 7000 और कंपनियों को इस प्लेटफॉर्म पर लाएगा।

पीपीपी मॉडल ई-कॉमर्स पर निर्यात केंद्र

छोटे उद्योग व कारीगर सामान विदेशों में बेच सकेंगे। सरकार और निजी कंपनियां मिलकर पीपीपी मोड पर ई-कॉमर्स निर्यात केंद्र बनाएंगी। ये केंद्र एक छत के नीचे व्यापार और निर्यात संबंधी सेवाएं देंगे। एक निर्बाध विनियामक और लॉजिस्टिक फ्रेमवर्क विकसित होगा।