- सामान्य तौर पर इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट मानता है कि आय का 30-40 प्रतिशत तक दैनिक जीवन पर खर्च होना चाहिए। कुछ मामलों में यह प्रतिशत कहीं अधिक हो सकती है, लेकिन जब निकासी कम होती है तो ऐसे खातों को चिन्हित किया जाता है।
अगर आपके बचत खाते में खर्चों की कटौती के बाद औसत से ज्यादा धनराशि है तो उसके लिए इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट को हिसाब किताब देना पड़ सकता है। बीते कुछ महीनों में इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ने ऐसे मामलों को पकड़ा है, जिसमें औसत से कहीं ज्यादा धनराशि बचत खाते में या उससे जुड़ी अन्य किसी स्कीम (एफडी) में जमा पाई गई।
विभिन्न सर्च के बाद सामने आए बैंक खातों की गहनता से जांच की गई, जिसके बाद पता चला कि संबंधित व्यक्ति के बैंक खाते में प्राप्त होने वाली धनराशि में से बेहद कम की निकासी हुई। ऐसी प्रक्रिया बीते कई वर्षों से चली आ रही है।
बताया जा रहा है कि ऐसे मामलों में नोटिस की कार्रवाई की गई तो संबंधित पक्ष स्पष्ट तौर पर यह जबाव नहीं दे पाया कि उसके द्वारा दैनिक खर्चों, बच्चों की स्कूल फीस और अन्य जरूरी खर्चों की पूर्ति कहां से की जा रही है। क्योंकि, बैंक खातों के रिकॉर्ड यह भी स्पष्ट हुआ कि संबंधित खातों से नगदी निकासी भी बेहद सीमित है, जिसके बाद माना गया कि खाते के बाहर से ( ब्लैक में) प्राप्त होने वाली धनराशि के जरिए खर्चों को पूरा किया जा रहा है। ऐसी स्थिति में विभाग ने माना कि अन्य जरिए से भी धनराशि जुटाई जा रही है जिसका ब्यौरा इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट को नहीं दिया जा रहा है। ऐसे मामलों में कर चोरी मानकर नोटिस की प्रक्रिया की जा रही है।
एक वरिष्ठ अधिकारी बताते हैं कि सामान्य तौर पर इस तरह के प्रकरण कुछ फर्मों में सामने आते थे, जिसमें व्यक्ति निजी खर्चों को फर्म के खर्चों में दिखाकर पूरा करते थे, लेकिन हाल के महीनों में ऐसे कुछ मामले नौकरीपेशा लोगों के मामलों में भी सामने आए हैं।
उदाहरण के लिए कोई व्यक्ति नौकरी करता है, जिससे हर महीने सैलरी प्राप्त होती है। इसके अतिरिक्त उसी दो-तीन व्यावसायिक संपत्तियां भी हैं, जिनमें किराया आता है, लेकिन टैक्स बचाने के लिए उसके द्वारा किराया नगद में लिया जा रहा है और उन्हीं से अपने खर्चों की पूर्ति कर रही है। जबकि, नियम के तहत हर आय को रिटर्न में दिखाना जरूरी है।
एआई की मदद से ट्रैस करना हुआ आसान
सूत्रों का कहना है कि इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट ऐसे बचत खातों को अब आर्टिफिशियल इंटिलेंस (एआई) की मदद से ट्रैस कर रहा है। एआई द्वारा पैन कार्ड नंबर पर होने वाले सालाना लेनदेन को ट्रैस किया जाता है। उसके द्वारा ऐसे खातों को चिन्हित कर लिया जाता है, जिनमें प्राप्ति के मुकाबले निकासी कम है। सामान्य तौर पर इनकम टैक्स डिपॉर्टमेंट मानता है कि आय का 30-40 प्रतिशत तक दैनिक जीवन पर खर्च होना चाहिए। कुछ मामलों में यह प्रतिशत कहीं अधिक हो सकती है, लेकिन जब निकासी कम होती है तो ऐसे खातों को चिन्हित किया जाता है।