- लगभग 5 दर्जन से अधिक उद्योगों के बंद होने की खबर
प्रदेश के लौह उद्योग एक बार फिर से संकट में हैं। बिजली बिल की बढ़ी हुई दरों का बोझ नहीं उठा पाने के चलते धीरे-धीरे करके उद्योग बंद होते जा रहे हैं। उद्योग संघों की मानें तो लगभग 5 दर्जन से अधिक उद्योग मंदी के चलते बंद हो गए हैं। बड़ी संख्या में उद्योग बंद होने के कगार पर है। वहीं सूत्रों कहना है कि लगभग 300 से 400 करोड़ रुपए बिजली बिल का भुगतान अटक गया है। यह भुगतान किसी आंदोलन के तहत् नहीं बल्कि आर्थिक स्थिति खराब होने के चलते अटकने की बात सामने आई है।
इस संबंध में उद्योग संघों का कहना है कि लंबे समय से बढ़ी हुई बिजली दर की मार झेल रहे हैं। अब नुकसान सिर से ऊपर जा रहा है। ऐसे में उद्योग बिजली बिल नहीं चुका पाने की स्थिति में आ गए हैं। छोटे ही नहीं बड़े उद्योगों की हालत भी खराब हो गई है।
बिल में कमी के लिए हुआ था आंदोलन
प्रदेश के लौह उद्योगों ने कुछ माह पहले बिल दरों में कमी की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन किया था। 8 से अधिक दिनों तक लगभग 200 उद्योग बंद रहे। भारी नुकसान और आश्वासन के बाद फिर से उद्योग शुरू हुए थे। लेकिन उद्योग संघों का कहना है कि बाद में किसी तरह की छूट नहीं मिली। उस दौरान हुए घाटे से नहीं उबर सके हैं।
लगातार बंद होते जा रहे उद्योग
उद्योग संघों का कहना है कि पिछले पांच-छह माह से उद्योगों के बंद होने का क्रम जारी है। नुकसान बढ़ने की बजाय उद्योगपति उद्योग बंद करने में भलाई देख रहे हैं। उद्योग संघों की माने तो अब तक लगभग 5 दर्जन उद्योग बंद हो चुके हैं। आने वाले दिनों में और तेज गति से उद्योग बंद होने की बात कही जा रही है।
मंत्रणा, रणनीति, मुलाकात का दौर जारी।
उद्योग बंद होने और करोड़ों रुपए के बिल का भुगतान नहीं होने के बाद भी उद्योग संघों ने इस बार एकाएक कोई निर्णय नहीं लिया है। उद्योग संघ आपस में मिलकर मंत्रणा कर रहे हैं। पिछले दिनों से उद्योग और विद्युत विभाग के अधिकारियों से संपर्क में हैं। बताया जा रहा है कि आज 21 नवंबर को उद्योग संघों के प्रतिनिधि अधिकारियों से मिलकर अपनी बात रखेंगे।
खस्ताहालत के कारण बिल भुगतान नहीं
करोड़ों रुपए के बिल का भुगतान नहीं होने को लेकर उद्योगपतियों का कहना है कि वाकई में उद्योगों की हालत खराब है। इसी वजह से वे बिल का भुगतान नहीं कर पा रहे हैं उनका कहना है कि हर माह बिल का भुगतान करने में उन्हें ही सहूलियत होती है लेकिन आर्थिक स्थिति खराब होने से वे खुद को अक्षम महसूस कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस माह सुरक्षा निधि ने और हालत खराब कर दी है। सुरक्षा निधि के कारण एकाएक बिजली बिल काफी बढ़ गए हैं।