रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित कोर्टयार्ड बाय मैरियट होटल में भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय (MSME) और छत्तीसगढ़ शासन की ओर से एक अहम कार्यशाला आयोजित की गई। इस कार्यशाला का आयोजन केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना RAMP (Raising and Accelerating MSME Performance) के अंतर्गत किया गया था, जिसका मुख्य उद्देश्य है — राज्य के MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम) क्षेत्र को सशक्त, सक्षम और प्रतिस्पर्धी बनाना।

दीप प्रज्वलन और स्वागत भाषण से हुआ शुभारंभ
कार्यशाला की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद विश्वेश कुमार, प्रबंध निदेशक, CSIDC एवं राज्य के RAMP नोडल अधिकारी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार MSMEs को उन्नत तकनीक, प्रशिक्षण, बाजार, वित्त और नीति संबंधी सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने RAMP योजना की विशेषताओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किस तरह यह योजना राज्य के छोटे उद्यमियों के लिए लाभकारी सिद्ध हो रही है।
SIP के तहत योजनाओं की प्रस्तुति
छत्तीसगढ़ शासन की उप सचिव सुश्री रीमा जमील ने SIP (State Implementation Plan) के तहत स्वीकृत परियोजनाओं, उनकी अब तक की प्रगति और भविष्य की योजनाओं की विस्तृत प्रस्तुति दी। उनके अनुसार राज्य सरकार MSMEs के लिए अनुकूल नीतिगत माहौल तैयार कर रही है और योजनाओं के क्रियान्वयन में समयबद्धता और पारदर्शिता पर जोर दिया जा रहा है।
MSMEs के लिए सिंगल विंडो सिस्टम को सरल और प्रभावी बनाया जा रहा
प्रभात मलिक, निदेशक, उद्योग विभाग, छत्तीसगढ़ शासन ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य सरकार उद्यमियों को “एक क्लिक” के ज़रिए सभी सेवाएं देने की दिशा में काम कर रही है।
उन्होंने तीन महत्वपूर्ण बातों पर विशेष ज़ोर दिया:
MSME के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करना। योजनाओं व सुविधाओं तक सरल पहुंच सुनिश्चित करना। कानूनी सहायता से MSMEs को सशक्त बनाना
महिला उद्यमिता पर विशेष ध्यान
सुश्री अंकिता पांडे, जो RAMP योजना की निगरानी से जुड़ी हैं, ने कहा कि महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, और बाज़ार तक पहुंच की योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ में महिला भागीदारी को बढ़ाने के लिए सेक्टर-विशिष्ट हस्तक्षेप (Sectoral Interventions) लागू किए गए हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाएं भी सफल उद्यमी बन सकें।
केंद्र सरकार का स्पष्ट संदेश: MSME भारत की रीढ़ हैं
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता अतीश कुमार सिंह, IAS, संयुक्त सचिव, MSME मंत्रालय ने कहा कि यह कार्यशाला सिर्फ संवाद नहीं, बल्कि साझेदारी की शुरुआत है। उन्होंने छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति (2024-2030) की सराहना करते हुए कहा कि इस नीति में स्थायित्व, नवाचार और प्रतिस्पर्धा को प्राथमिकता दी गई है। साथ ही SIP को MSME पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की दिशा में रणनीतिक रोडमैप बताया।
तकनीकी सत्रों में MSMEs के लिए अहम जानकारियाँ
1. TReDS प्लेटफॉर्म (M1xchange) —श्रेयस वाटिले
- MSMEs को बिना गारंटी इनवॉइस डिस्काउंटिंग के माध्यम से 24 घंटे में भुगतान की सुविधा
- देशभर में 68+ बैंक, 3000+ कॉरपोरेट्स और 60,000+ MSMEs जुड़ चुके
2. ODR योजना — ईशा अग्रवाल (ODRways)
- MSMEs अब ऑनलाइन विवाद समाधान (Online Dispute Resolution) के ज़रिए सस्ता, तेज़ और न्यायसंगत समाधान पा सकते हैं
- मध्यस्थता, सुलह जैसी कानूनी सेवाएं भी डिजिटल रूप में उपलब्ध
3. हरित निवेश योजनाएं (SIDBI) — प्रियंका सेंडे
- MSE-GIFT और MSE-SPICE योजनाएं MSMEs को हरित तकनीक और सर्कुलर इकोनॉमी को अपनाने में मदद कर रही हैं
- पर्यावरण के अनुकूल व्यवसाय मॉडल को प्रोत्साहन
4. ONDC नेटवर्क — कृष्णा रविशंकर, सुमीत सिंह, अभिजीत राठ
- MSMEs को ई-कॉमर्स के माध्यम से सीधे ग्राहकों तक पहुंच का अवसर
- Mystore और Sabhyasha जैसे पोर्टल के माध्यम से डिजिटल मार्केटप्लेस का लाभ
उद्योग संगठनों की राय
- DICCI (Dalit Indian Chamber of Commerce & Industry) के छत्तीसगढ़ चैप्टर अध्यक्ष ने कहा कि “सरकार की डिजिटल पहल से छोटे कारीगरों को भी अब बाज़ार में उचित मूल्य मिलने की उम्मीद है।”
- संतोष जैन, अध्यक्ष, प्लास्टिक मैन्युफैक्चरर संघ ने कहा कि “अब अधिकारी सिर्फ योजनाएं बताने वाले नहीं, बल्कि मार्गदर्शक और सहयोगी बन गए हैं।”
ZED और LEAN योजनाओं पर विशेष फोकस
विनम्र मिश्रा, निदेशक, MSME मंत्रालय, भारत सरकार ने ZED (Zero Defect Zero Effect) और LEAN योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
इन योजनाओं का उद्देश्य है:
- गुणवत्तापूर्ण उत्पादन। लागत में कमी। पर्यावरणीय प्रभाव कम करना। वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि
कार्यशाला में 150 से अधिक प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी
इस कार्यशाला में 150+ प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया, जिनमें MSME प्रतिनिधि, उद्यमी, बैंकिंग क्षेत्र के अधिकारी, उद्योग विभाग के अधिकारी और विभिन्न उद्योग संगठनों के प्रतिनिधि शामिल थे। कार्यशाला के समापन में धन्यवाद ज्ञापन के साथ एक नेटवर्किंग सत्र भी आयोजित किया गया, जिससे सभी प्रतिभागियों को आपसी संवाद, सहयोग और साझेदारी के नए अवसर मिले।